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डायबिटीज के लक्षण और उपाय

मधुमेह (डायबिटीज)

दुनिया भर में मधुमेह या डायबिटीज के मरीजों में काफी वृद्धि देखी गयी है, 1980 में जहाँ ये आकड़ा 10 करोड़ 80 लाख के आस-पास था वही इसी आकड़े में वर्ष 2016 तक 400 % की वृद्धि देखी गयी और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या 42 करोड़ 20 लाख के आस-पास हो गयी थी। डायबिटीज या मधुमेह की अत्यधिक प्रधानता मध्यवर्गी और निम्नवर्गी श्रेणी के लोगो में देखी गयी है। यदि हम सं 2000 से अब तक की डायबिटीज के कारण हुई मृत्यु का आकड़ा देखे तो इस आकड़े में भी 5 % की वृद्धि देखने को मिलती है। डायबिटीज हर साल सीधे तौर पर 15 लाख व्यक्तियों को मौत के घाट उतार देता है। अगर हम भारत का आकड़ा ले तो भारत सरकार के एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में 7 करोड़ 30 लाख वयस्क व्यक्ति डायबिटीज या मधुमेह के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे है, और दुनिया के कुल डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों में हर छठा व्यक्ति भारतीय है, भारत हर साल लग-भग 6.5 लाख लोगों को मधुमेह या डायबिटीज के कारण हमेशा के लिए खो देता है।

 

डायबिटीज या मधुमेह क्या है?

हमारे शरीर में एक पैंक्रिअटिक ग्रंथि होती है जो इन्सुलिन का उत्पादन करती है, इन्सुलिन हमारे शरीर में रक्त में ग्लूकोस के प्रवाह को नियंत्रित करती है। जब पैंक्रियास हमारे शरीर में इन्सुलिन के उत्पादन को कम कर देता है या उत्पादन नहीं करता जिस कारण रक्त में शुगर या ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है, रक्त में हाई शुगर या ग्लूकोस से ही डायबिटीज या मधुमेह की समस्या होती है। मधुमेह हमारे शरीर में तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं को बुरी तरह प्रभावित करता है और हमारे शरीर को कमजोर बनाता है। हमारे रहन सहन से भी डायबिटीज या मधुमेह हो सकता है। मधुमेह या डायबिटीज के अलग-अलग प्रकार होते है जैसे:

 

डायबिटीज या मधुमेह के कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित है:

टाइप-1 डायबिटीज: कुल डायबिटीज के मरीजों में से लगभग 10 % डायबिटीज के मरीज टाइप-1 डायबिटीज से ग्रसित है। यह एक एंटीइम्यून डिसऑर्डर है जिसमे हमारा शरीर स्वयं पैंक्रियास की उन कोशिकाओं को मार देता है जो इन्सुलिन बनाने के लिए उत्तरदायी है। इन्सुलिन हमारे रक्त में ब्लड-शुगर या ग्लूकोस को नियंत्रित करता है।

 

टाइप-2 डायबिटीज: डायबिटीज का यह प्रकार सर्वाधिक लोगो को अपना शिकार बनाता है, लगभग 90 % डायबिटीज के मरीज डायबिटीज के इसी टाइप से पीड़ित है। डायबिटीज का यह टाइप तब होता है जब हमारा शरीर प्रचुर मात्रा में इन्सुलिन का उत्पादन नहीं करता या हमारी कोशिकाएं इन्सुलिन के साथ सामंजस्य नहीं बैठा पाती। टाइप-2 डायबिटीज अधिकतर वृद्धो या जो वृद्ध होने वाले है ऐसे व्यक्तियों को होता है।

 

प्री-डायबिटीज: डायबिटीज के इस टाइप में हमारा ब्लड शुगर सामान्य ब्लड शुगर से अधिक होता है किन्तु इतना भी अधिक नहीं होता की इसे  टाइप-2 डायबिटीज कहाँ जा सके। टाइप-2 डायबिटीज की शुरुआती स्टेज को प्री-डायबिटीज कहते है।

 

गेस्टेशनल डायबिटीज: डायबिटीज या मधुमेह का यह प्रकार अधिकतर गर्भवती महिलाओ को होता है और सामान्यतः उसके बाद यह डायबिटीज भी चली जाती है, लेकिन भविष्य में इसके होने से टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

डायबिटीज के क्या लक्षण है?

डायबिटीज के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित है जो समान्यतः हर डायबिटीज का मरीज अनुभव करता है-

  • डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति पेशाब ज्यादा करते है
  • डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को प्यास अधिक लगती है
  • डायबिटीज से बिना प्रयास के वजन घट व बढ़ जाता है
  • भूक अधिक लगती है
  • नजरे कमजोर और धुंधली सी हो जाती है
  • कंधो, पाऊं और हाथो में कील चुबने की अनुभूति
  • थकान का अनुभव
  • सुखी आँखे और त्वचा
  • घाव और चोटे देर सी भरती है
  • शरीर में इन्फेक्शन जल्दी होते है
  • टाइप-1 डायबिटीज मरीज  को उलटी आने की अनभूति, पेट में दर्द आदि भी हो सकते है

 

डायबिटीज के क्या कारण है?

डायबिटीज के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है-

  • अनुवांशिक या डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास
  • पर्यावरणिक कारण
  • ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
  • अत्यधिक मोटापा या ओबेसिटी
  • शारीरिक असक्रियता
  • बढ़ती हुई उम्र
  • गेस्टेशनल डायबिटीज
  • उच्च या असमान्य ब्लड कोलेस्ट्रॉल
  • हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्त-चाप
  • अस्वस्थ भोजन या जंक फ़ूड का सेवन
  • शराब इत्यादि का अत्यधिक सेवन

 

डायबिटीज के कारण क्या समस्याएं हो सकती है?

डायबिटीज का मरीज धीरे-धीरे गंभीर जानलेवा बीमारियों की ओर चला जाता है, जिनमे से कुछ निम्नलिखित है-

  • हार्ट अटैक
  • हार्ट ब्लॉकेज
  • नर्व डैमेज (रक्त वाहिकाओं की क्षति)
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • किडनी फेलियर
  • नेत्र में धुंधलापन व नजरे कमजोर हो जाना
  • त्वचा से सम्बंधित इन्फेक्शन
  • सुनने में समस्या
  • अल्झाइमरस रोग (यादास्त खो देना)
  • डिप्रेशन और एंग्जायटी

 

डायबिटीज में क्या करें  और क्या न करें ?

  • उस भोजन का सेवन करें  जिसमे अधिक फाइबर हो
  • अपनी शारीरिक क्रिया को बढ़ाये
  • हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाये
  • अपने वजन को कम करें  यदि आप मोटे या ओबेसिटी से पीड़ित है
  • फैट व शुगर वाला भोजन ग्रहण न करें
  • धूम्रपान व तंबाकू का सेवन बंद करदे
  • शराब का सेवन न करें  
  • अपना ब्रेकफ़ास्ट, लंच या डिनर को न छोड़े
  • सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल और पास्ता इत्यादि का सेवन न करें
  • प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करें  

 

डायबिटीज के लिए घरेलु नुस्खे या होम रेमेडीज क्या है?

निचे दी गयी होम रेमेडीज को अपनाये और डायबिटीज को अपने शरीर में नियंत्रित रखे-

 

डायबिटीज के लिए पहली होम रेमेडी:

सामग्री: एक गिलास पानी ओर एक चम्मच मेथी का बीज

स्टेप्स: एक चम्मच मेथी बीज को एक गिलास पानी में भिगोने के लिए पूरी रात रख दे। सुबह जब पूरी तरह मेथी बीज का रंग पानी में दिखने लगे, तो उसको एक गिलास में ले ले।

निर्देश: रोजाना इस मिश्रण का सेवन सुबह खली पेट करें ।

 

डायबिटीज के लिए दूसरी होम रेमेडी:

सामग्री: एक गिलास गर्म दूध ओर आधा चम्मच हल्दी पाउडर

स्टेप्स: गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर को अच्छी तरह मिला ले।

निर्देश: रोजाना इस हल्दी दूध का सेवन करें ।  (यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आप इसके सेवन से बचे)

 

डायबिटीज के लिए तीसरी होम रेमेडी:

सामग्री: चिया का बीज और निम्बू का जूस

स्टेप्स: एक गिलास गर्म निम्बू का जूस ले और उसमे चिया के बीज को अच्छी तरह मिला ले।

निर्देश: इस मिश्रण को रोजाना उठने के एक घंटे के भीतर पिए।

 

डायबिटीज के लिए चौथी होम रेमेडी:

सामग्री: गर्म पानी, अमला पाउडर ओर एक चुटकी हल्दी पाउडर

स्टेप्स: एक गिलास गर्म पानी के साथ एक चम्मच अमला पाउडर और एक चुटकी हल्दी पाउडर अच्छी तरह मिला ले।

निर्देश: रोजाना इस मिश्रण को दिन में एक बार जरूर पिए, यह पैंक्रियास के लिए साहयक का कार्य करता है।

 

डायबिटीज के लिए पाँचवीं होम रेमेडी:

सामग्री: दालचीनी पाउडर और पानी

स्टेप्स: एक गिलास गर्म पानी को लीजिये उसमें आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को अच्छी तरह मिला लीजिये। (आप दो गिलास पानी के एक टुकड़ा दालचीनी का मिलाकर उसे 30 मिनट तक गर्म करने के बाद ठंडा कर लीजिये।)

निर्देश: इस मिश्रण का सेवन रोजाना दिन में एक बार करें ।

 

डायबिटीज के लिए छठी होम रेमेडी:

सामग्री: एलो वेरा और छाछ

स्टेप्स: एलो वेरा के जेल को सावधानी पूर्वक निकाल ले और इसको छाछ के साथ अच्छी तरह मिला ले।

निर्देश: एलो वेरा के इस मिश्रण को रोजाना पिए यह शरीर में रक्त को साफ़ करता है।

 

डायबिटीज (मधुमेह) के लिए 6 बेस्ट फ़ूड

  • बेरी (ब्लैक बेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी)
  • साइट्रस फल जैसे संतरा, निम्बू, नाशपाती आदि
  • हरी-पत्तेदार सब्जी का सेवन करें  जैसे पालक, मेथी
  • बीन की दाल या सब्जी बेहतर उपाय है
  • करें ले या उसके जूस का सेवन करें  
  • रिफाइंड खाद्य उत्पादों की जगह साबुत खाद्य उत्पादों का सेवन करें