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माइग्रेन
माइग्रेन एक सर दर्द का डिसऑर्डर है, जो प्रत्येक वर्ष करोड़ों व्यक्तियों को प्रभावित करता है। विश्व स्वस्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के आकलन के आधार पर दुनिया के 100 करोड़ से अधिक लोग माइग्रेन की तकलीफ से परेशान है, यदि केवल भारत का ही आकड़ा ले तो हम हर साल माइग्रेन के एक करोड़ से ज्यादा मामले भारत में पाते है। कुछ वर्षों से माइग्रेन के ज्यादातर मामले व्यस्क और युवाओ में देखे गए है। दुनिया के अधिकतर लोग सर दर्द को मामलू दर्द समझ कर टाल देते है और इसका अच्छी तरह इलाज नहीं करते, इनमे से कई लोग वे भी होते है जिन्हें माइग्रेन जैसी समस्या होती है लेकिन इन्हे पता नहीं होता, जो एक बहुत ही चिंता का विषय है और इसको काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। एलोपैथी और आयुर्वेद दोनों माइग्रेन का उपचार अलग-अलग तरह से करते है, एलोपैथी जहाँ अलग-अलग दवाइयों द्वारा माइग्रेन का उपचार करता है और फिर भी माइग्रेन को पूरी तरह ठीक नहीं कर पाता, वही दूसरी ओर आयुर्वेद इसको जड़ से खत्म करने के लिए काम करता है और सिर्फ हमारी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव से माइग्रेन को आयुर्वेद जड़ से मिटा देता है।
माइग्रेन क्या है?
माइग्रेन एक सर दर्द का डिसऑर्डर है जिसमे अधिकतर सर की एक तरफ असहनीय दर्द होता है, माइग्रेन होने का मुख्य कारण अत्यधिक चमकदार रौशनी या किरण के आस-पास अत्यधिक समय तक रहने में तथा अत्यधिक ध्वनि या आवाज के आस-पास रहने से माइग्रेन होता है। अत्यधिक चिंता भी माइग्रेन का कारण बन सकती है। माइग्रेन सीधा हमारे नर्वस सिस्टम या तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति कुछ समय के लिए गंभीर सर-दर्द को महसूस करता है, उसे उल्टी करने की समस्या या उलटी करने का भाव आता है और बाद में अच्छी राहत महसूस करता है। माइग्रेन को दो भागो में वर्गीकृत किया गया है तथा उन भागो को कई अन्य भागो में वर्गीकृत किया गया है।
माइग्रेन के मुख्य भाग निम्नलिखित है-
माइग्रेन का यह प्रकार दृष्टि या देखने में कुछ समस्या के कुछ लक्षणों के साथ शुरू होता है, माइग्रेन का सर दर्द उठने से लगभग आधे घंटे पहले आँखों में प्रकाशीय बिंदु, काली काली झल्लिया और कुछ देर के लिए सम्पूर्ण अंधापन होता है। इन लक्षणों के बाद बहुत तेज सर दर्द उठता है।
इस माइग्रेन को सामान्य माइग्रेन भी कहते है, अधिकतर लोग इसी माइग्रेन से प्रभावित होते है, इसमें सर में एक तरफ ज्यादा दर्द और दूसरी तरफ बहुत ज्यादा दर्द उठता है। यह माइग्रेन हमे रोजमर्रा की दिनचर्या से होता है।
यह माइग्रेन अधिकतर 5 वर्ष से 9 वर्ष की आयु वाले बच्चो में देखा जाता है, लेकिन यह व्यस्को को भी प्रभावित कर सकता है। इसमें सरदर्द नहीं उठता, इसमें पेट में दर्द, उल्टी और चक्कर आने सा महसूस होता है।
रेटिनल माइग्रेन या रेटिना का माइग्रेन, माइग्रेन का एक गंभीर प्रकार है। यह माइग्रेन अधिकतर 20 वर्ष से 30 वर्ष आयु वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है। इस माइग्रेन में सर दर्द उठने से पहले शरीर की आँख में प्रकाशीय तरंगे, काले गोल झल्लिया, कुछ देर के लिए अंधापन और चमकदार गोल आकृत्या किसी एक आँख में दिखाई पड़ती है। इस माइग्रेन का कारण ढूढ़ कर इसको दूर किया जा सकता है।
इस माइग्रेन में चक्कर आने सा महसूस होता है, आस पास की चीजे घूमती हुई दिखती है, बोलने में तकलीफ होती है और आवाज में हकलापन सा आता है। इन लक्षणों के बाद सर में तीक्ष्ण दर्द होता है। यह माइग्रेन मुख्यतः 10 वर्ष से 19 वर्ष तक की आयु वाली लड़कियों को प्रभावित करता है।
जब माइग्रेन का दर्द एक महीने में 15 बार उठे और ऐसा लगातार 90 दिन तक चले, तो इस माइग्रेन को क्रोनिक माइग्रेन कहते है। इस माइग्रेन में सर में दर्द लम्बे समय तक रहता है।
माइग्रेन के क्या लक्षण है?
माइग्रेन के लक्षण निम्नलिखित है-
माइग्रेन के क्या कारण है?
माइग्रेन अनेक कारणों से होता है, जो निम्नलिखित है-
माइग्रेन से क्या समस्याएं हो सकती है?
साधारण माइग्रेन क्रोनिक माइग्रेन बन सकता है
माइग्रेन में क्या करे और क्या न करे?
माइग्रेन को दूर करने के लिए होम रेमेडीज और घरेलु नुस्खे-
माइग्रेन को दूर करने के लिए निम्नलिखित घरेलु नुस्खों को अपनाये और माइग्रेन को दूर करने का प्रयास करे-
पहली होम रेमेडी माइग्रेन के लिए-
सामग्री: एक चौथाई कप चुकंदर का जूस, एक चौथाई कप ककड़ी या खीरे का जूस और आधा कप गांजर का जूस
निर्देश: इन सभी उत्पादों को अच्छी तरह आपस में मिलाकर रोजाना पिए। यह माइग्रेन को नियंत्रित करता है।
दूसरी होम रेमेडी माइग्रेन के लिए-
सामग्री: आधा गिलास पालक का जूस और आधा गिलास गांजर का जूस
निर्देश: माइग्रेन की जड़ को बढ़ने से रोकने के लिए इन दोनों उत्पादों को आपस में मिलाकर रोजाना पिए।
तीसरी होम रेमेडी माइग्रेन के लिए-
सामग्री: नीम के कुछ पत्ते, एक चुटकी हल्दी पाउडर, दो अमला के दाने, अदरक के छोटे कटे हुए टुकड़े और एक गिलास पानी
निर्देश: इन सभी चीजों को पानी में अच्छी तरह मिलकर गर्म करे और गर्म करने के बाद गर्म ही इसको पिए। यह मिश्रण माइग्रेन को तुरंत बेअसर करने में मदद करता है।
चौथी होम रेमेडी माइग्रेन के लिए-
सामग्री: लैवेंडर का तेल और सीसम का तेल
निर्देश: इन तेलों में से किसी भी एक तेल से आप अपने सर, कपाल और टेम्पल की अच्छी तरह मालिश करे, इससे माइग्रेन से उठने वाले दर्द में बहुत राहत मिलती है।
पांचवी होम रेमेडी माइग्रेन के लिए-
सामग्री: पत्ता गोभी और निम्बू
निर्देश: गोभी को अच्छी तरह बारीक़ काटकर, कटी हुई गोभी को सर में रख दे या निम्बू को छिलको समेत काटकर सर में रखे, यह तरीका माइग्रेन में काफी सहायता करता है।
माइग्रेन को कम करने के लिए 5 टिप्स-
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